- Aarti Raghuvarji Ki - Ramji Ki Aarti
आरती कीजै श्री रघुवर जी की सतचित आनंद शिव सुंदर की
आरती कीजै श्री रघुवर जी की सतचित आनंद शिव सुंदर की
कौशल्या सूत दशरथ नंदन, सुर, मुनि,रक्षक, दैत्य निकंदन
कौशल्या सूत दशरथ नंदन, सुर, मुनि,रक्षक, दैत्य निकंदन
अनुगत भक्त-भक्त उर चंदन, मर्यादा पुरुषोत्तम वर की
आरती कीजै श्री रघुवर जी की
निर्गुण,सगुण, अरुप रूप निधि, सकल लोक वन्दित विभिन्न विधि
निर्गुण,सगुण, अरुप रूप निधि, सकल लोक वन्दित विभिन्न विधि
- Aiso Hai Palna
Aiso Hai Palna
Jhulat Lalna, Yashomati Mai Jhulave
Dekhta Baba Nandrai Ju, Jeen Kou Deeth Lagave
Jab Tum Apni Gaay Bulavat, Shravan Sunat Soyi Dhave
Jab Mukh Chumi Det Mukh Astan, Yaha Sukh Kahat Na Aave
Tumhare Bhagin Aur Jasomati, Aiso Suthi Khilave
Aaru Aati Bhagya Sakal Gopin Ke, Jinki Tapat Bujhave
Let Balay Kuvar Balju Ki, Lohoro Bir Kahave
- Akhiyaan Hari Darshan
अखियाँ हरी दर्शन की प्यासी
हरी दर्शन की प्यासी
अखियाँ हरी दर्शन की प्यासी
हरी दर्शन की प्यासी
देखयो चाहत कमल नयन को
देखयो चाहत कमल नयन को
निसदीन रहत उदासी अखियाँ
हरी दर्शन की प्यासी
- Ganga Mata Ki Aarti
ॐ जय गंगे माता
श्री जय गंगे माता
जो नर तुमको ध्याता
जो नर तुमको ध्याता
मन वांशित फल पाता
ॐ जय गंगे माता
चन्द्र सी ज्योत तुम्हारी जल निर्मल आता
मैया जल निर्मल आता
- Guru Meri Pooja
गुरु मेरी पूजा गुरु गोबिंद
गुरु मेरा पारब्रह्म, गुरु भगवंत ||
गुरु मेरा देव अलख अभेव
सरब पूज्य, चरण गुरु सेवू
गुरु मेरी पूजा गुरु गोबिंद...
गुरु बिन अवर नहीं मैं थाओ
- Hey Govinda
Jay Adhya shakti Maa jay Adhya shakti
Akhand brahmand dipavya, padve pragatya Maa
Om jayo jayo Maa jagdambe...
Dritiya be swarup Shivshakti janu
Brahma Ganapati gaau har gaau har Maa... Om jayo ...
Tritiya tran swarup tribhuvan ma betha
- Jai Ganesh Jai Ganesh
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा
एकदन्त दयावन्त चारभुजाधारी
मस्तक सिंधूर सोहे मूश की सवारी
एकदन्त दयावन्त चारभुजाधारी
मस्तक सिंधूर सोहे मूश की सवारी
- Jai Govinda Gopala
जय गोविंद बोलो जय गोविंद बोलो
जय गोविंद जय गोपाला
जय गोविंद बोलो जय गोविंद बोलो
जय गोविंद जय गोपाला
जय गोविंद बोलो जय गोविंद बोलो
जय गोविंद जय गोपाला
जय गोविंद बोलो जय गोविंद बोलो
जय गोविंद जय गोपाला
- Jai Tulsi Mata
जय जय तुलसी माता
सब जग की सुख दाता
सब योगों से ऊपर
सब रोगों से ऊपर
रज से रक्ष कर भव त्राता
जय जय तुलसी माता
बटु पुत्री है श्यामा
सूर बल्ली है ग्राम्या
- Maiyya Mori
Durge Durghat Bhari Tujvin Sansarin
Anaath Anaathen Ambe Karuna Vistaari
Vaari Vaari Janmamarnaate Vaari
Haari Padlo Aata Sankat Nivari
Jaya Devi Jaya Devi Mahishasurmathini
Survarishwarvarde Taarak Sanjeevani
Jaya
- Meethe Ras - Radhe Krishna Bhajan
Meethe Ras se Bhariyodhi, Radha Rani Lage
Mhaane Kharo Kharo Jamna Ji Ro Pani Lage
Radhe Radhe Bolo Raddhe Radhe
Yamuna Maiyya Kaari Kaari Radha Gori Gori
Vrindhavan Me Dhum Machaye Varshane Ki Chori
Brijdham Radhjo Ki Rajdhani Lage
Mhaane Kharo Kharo Jamna Ji Ro Pani Lage
- Ram Chalisa
Jai Ganesh Girijasuvan
Mangal Mool Sujaan
Kahat Ayodhyadaas Tum
Deu Abhay Varadaan
Shri Raghuvir Bhakt Hitakari
Sun Lije Prabhu Araj Humari
Nishidin Dhyan Dhare Jo Koi
- Sada Sarvada - Shloka
सदा सर्वदा योग तूझा घडावा
तुझे कारणी देह माझा पडावा
उपेक्षू नको गूणवंता अनंता
रघूनायका मागणे हेच आता
उभा सणेला घृण चालवावे
भूदे वसंता सीसदा नमावे
सत्कर्म योगे वय घालवावे
सर्वा मुखी मंगल बोलवावे
- Shri Krishna Kahi Re
Krishna Krishna Krishna Krishna Krishna Krishna
Shri Krishna Krishna Krishna Kahi Re Mann Mere
Koti Janma Paap Jaye Chin Mein Sub Tere
Jagat Baaware Ke Sang Baawaro Na Hui Re
Bhagwat Charanaar Vinda Dridh Karake Gahi Re
- Shri Ramayanji Ki Aarti
आरती श्री रामायण जी की
कीरत कलित ललित सिय पिय की
आरती श्री रामायण जी की
कीरत कलित ललित सिय पिय की
गावत ब्रह्मादिक मुनि नारद
बाल्मीक विज्ञानी विशारद
गावत ब्रह्मादिक मुनि नारद
बाल्मीक विज्ञानी विशारद
- Shri Sitaji Ki Aarti
आरती श्री जनक दुलारी की सीता जी श्री रघुवर प्यारी की
आरती श्री जनक दुलारी की सीता जी श्री रघुवर प्यारी की
जगत जननी जग की विस्तारिणी, नित्य सत्य साकेत विहारिणी
जगत जननी जग की विस्तारिणी, नित्य सत्य साकेत विहारिणी
परम दयामयी दिनोधारिणी, सीता मैया भक्तन हितकारी की
आरती श्री जनक दुलारी की
सती श्रोमणि पति हित कारिणी, पति सेवा हित वन वन चारिणी
सती श्रोमणि पति हित कारिणी, पति सेवा हित वन वन चारिणी
- Vakratunda Mahakay
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा